नए संसद भवन का भूमिपूजन और शिलान्यास 10 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को प्रधानमंत्री से मिलकर भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम का निमंत्रण उन्हें दिया। इसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया है। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत अभियान, स्थानीय शिल्प और भारतीय लोकतंत्र की विविधता का प्रतीक होगा। उन्होंने कहा, यह भवन भारतीय शिल्पकारों, इंजीनियरों की डिजाइन के मुताबिक भारतीय विविधता और लोकतांत्रिक भव्यता का प्रतिबिंब औऱ गौरव बनेगा। वर्ष 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने पर संसद का सत्र नए भवन में आयोजित होगा। नया संसद भवन चार मंजिल का होगा तथा इसका कुल निर्मित क्षेत्र लगभग 64,500 वर्ग मीटर है। करीब 971 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण होगा। निर्माण का कार्य टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि नया भवन अक्टूबर, 2022 तक निर्मित हो जाने की संभावना है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर नवम्बर या दिसंबर 2022 में आयोजित होने वाला सत्र संसद के नए भवन में होगा। नए भवन का क्षेत्र वर्तमान भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक है। सेंट्रल विस्टा में बनी हुई इमारतों के स्थापत्य से सामंजस्य रखते हुए इस भवन की संकल्पना की गई है। नया भवन त्रिकोणीय डिजाइन का होगा जिसमें लोक सभा, राज्य सभा, केन्द्रीय लाउंज के साथ-साथ संवैधानिक प्राधिकारियों के कार्यालय होंगे। नये भवन में लोक सभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पक्षी मयूर को दृष्टिगत रखते हुए किया गया है जबकि राज्य सभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पुष्प कमल के दृष्टिगत किया गया है। पूरे भवन के डिजाइन में देश के महत्वपूर्ण हैरिटेज भवनों जैसे राष्ट्रपति भवन इत्यादि की स्थापत्य कला को ध्यान में रखा गया है। भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन एवं मैनेजमेंट प्रा.लि. अहमदाबाद द्वारा तैयार किया गया है। प्रस्तावित लोक सभा कक्ष भूतल में होगा, जिसमें 876 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। संयुक्त बैठकों के दौरान, कक्ष में 1224 सदस्य बैठ सकेंगे। इसी प्रकार, राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। नए भवन में छह समिति कक्ष होंगे जबकि वर्तमान भवन में तीन समिति कक्ष हैं। मंत्रिपरिषद के सदस्यों के लिए 92 कमरे रखे गए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि नए भवन में लोक सभा तथा राज्य सभा कक्ष में प्रत्येक बेंच पर एक साथ दो सदस्य बैठ सकेंगे तथा प्रत्येक सीट डिजीटल प्रणाली और टच स्क्रीन से सुसज्जित होगी। नये भवन की अनुमानित आयु 100 वर्ष है। भवन को भूकंप जोन-5 के दृष्टिगत बनाया गया है। नया भवन रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम तथा वाटर रिसाइकिलिंग सिस्टम से सुसज्जित होगा। पूरे भवन में 100% यूपीएस पावर बैकअप की व्यवस्था होगी। लोक सभा तथा राज्य सभा कक्ष एवं सभी सम्मेलनों स्थलों पर आधुनिक ऑडियो-विजुअल सुविधाओं की व्यवस्था होगी। नये भवन में अत्याधुनिक डाटा नेटवर्क सिस्टम की व्यवस्था होगी। इंटीग्रेटेड बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम में बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम, फायर अलार्म सिस्टम, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था भी होगी। भवन की सुरक्षा के लिए सभी आधुनिक सुरक्षा मानकों का प्रयोग किया जाएगा। अध्यक्ष बिरला ने बताया कि नये भवन के निर्माण के दौरान पर्यावरण सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। एंटी स्मॉग गन सहित ध्वनि तथा वायु प्रदूषण निरोधक यंत्र की व्यवस्था की गई है। ऐसी व्यवस्था की गई है कि भवन निर्माण कार्य से संसद के सत्र में कोई व्यवधान या विघ्न न आये। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि संसद सदस्यों के लिए लगभग 800 चैम्बर्स रेड क्रॉस रोड पर श्रम शक्ति भवन एवं परिवहन भवन के निकट निर्मित किए जाएंगे। इनका निर्माण अप्रैल, 2022 में आरंभ होगा और मार्च 2024 तक संपन्न हो जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने बताया कि नए भवन के निर्माण के बाद भी पुराने भवन का उपयोग जारी रहेगा। दोनों भवन एक दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करेंगे। पूरे निर्माण कार्य में मौजूदा भवन की ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि नए भवन के निर्माण के उपरांत यह भी प्रयास किया जा रहा है कि मूल संसद भवन की दृश्यता में कोई अधिक अंतर न आये। संसद परिसर में स्थित सभी प्रतिमाओं को भी गरिमा एवं प्रतिष्ठा के साथ पुनः स्थापित किया जायेगा। निर्माण कार्य को समय से पूरा करने के लिए टाटा कंपनी द्वारा 8000 से अधिक श्रम संसाधन लगाये जा रहे हैं। इनमें से 2000 व्यक्ति निर्माण स्थल पर कार्यरत रहेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि निर्माण में इंजीनियर, शिल्पकार और मजदूर करीब 2000 लोग प्रत्यक्ष रूप से और 9000 लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े होंगे....
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