बिहार में आज पीएम नरेंद्र मोदी की दो रैलियां हो रही हैं। इस वक्त वे अररिया के फासबिसगंज में जनता से रूबरू हैं। उनके आने के पहले वहां केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, सांसद ललन सिंह आदि वहां पहुंच चुके थे। इस क्षेत्र में तीसरे चरण में सात नवंबर को मतदान होगा। अररिया के दो लाख किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। अररिया में साढ़े तीन लाख महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए गए। बिहार में सवा करोड़ से अधिक, अररिया में चार लाख से अधिक शौचालय मिले हैं। बिहार के हर गरीब को आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। यदि किसी गरीब के घर में बीमारी आ जाती है तो उसकी स्थिति अधिक दयनीय हो जाती है। इस कारण यदि कोई गरीब अब बीमार हुआ तो उसका बेटा दिल्ली में बैठकर उसकी चिंता करेगा। मेरा गरीब अब दवा, डॉक्टर और अस्पताल के बिना जिंदगी और मौत के बीच नहीं जूझेगा। बिहार उन लोगों को पहचान चुका है, जो डराकर, अफवाह फैलाकर सत्ता हासिल करना चाहते हैं। इन्होंने यही सीखा है। बिहार में कहा जाता है। नीतीश कुमार की पूरी टीम ने जी-जान लगाकर बिहार के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विपरीत स्थितियों में वे रुके नहीं, मान-अपमान में डटे रहे। आपकी आवश्यकताओं को पूरा करना नीतीश कुमार की टीम का लक्ष्य था और उसे उन्होंने पूरा कर दिखाया। 2020-2021 बिहार की आकांक्षाओं को पूरा करने का दशक है। बीते दशक में बिहार में हर घर में बिजली पहुंची, इस दशक में बिहार में 24 घंटे बिजली मिलेगी। पिछले दशक में हर घर में गैस सिलेंडर पहुंचा तो इस दशक में हर घर में पाइप से गैस पहुंची। बीते दशक में जंगलराज को खत्म किया गया। यह दशक बिहार की नई संभावनाओं का है। बिहार को फिर डबल्र इंजन का शासन मिलेगा तो यहां का विकास तेज गति होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर एनडीए की सरकार बिना किसी भेदभाव के लोगों के हितों के लिए काम कर रही है। बिहार के 72-74 लाख किसानों के खातों में बिना किसी भेदभाव के सीधे पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं। आज बिहार में परिवारवाद हार रहा है और जनतंत्र जीत रहा है। रंगबाजी और रंगदारी हार रही है, विकास जीत रहा है। घोटाला हार रहा है, लोगों का श्रम जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है और कानून का राज लानेे वाले जीत रहे हैं। बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने का अधिकार तक छीनकर रखा। गरीबों को घरों में कैद कर जंगलराज वाले उनके बदले खुद वोट देते थे। तब वोट छीन लिया जाता था। गरीबों को सही मायने में मतदान का हक एनडीए ने दिया। गरीब, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा हो, किसी भी मत को मानने वाला हो, उसे अपनी पसंद के उम्मीदवार को चुनने का हक मिला। बिहार में माहौल यह है कि महिलाएं कह रही हैं कि घरवालों को जो करना हो, करें, मैं मोदी के साथ रहूंगी। हर मां-बेटी हमारी सहायता कर रही है। मानव जाति को जिस धरती ने लोकतंत्र दिया था, उस धरती को मैं अभिनंदन करता हूं। सुरक्षाबलों की निष्ठा की भी मैं सराहना करता हूं। चुनाव प्रक्रिया में जुड़े सभी कर्मियों का भी अभिनंदन किया। पहले चरण के मतदान के बाद और शुरुआती जानकारी के अनुसार यह बात साफ है कि बिहार की जनता ने एनडीए की सरकार का डंके की चोट पर संकेत दे दिया है। बिहार के लोगों ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। बिहार के लोगों ने जंगल राज को, डबल युवराजों को सीने से नकार दिया है। बिहार में एक कहावत है-सब कुछ खैनी, दूगो भंजा नैय चबैनी। यानी भर पेट भोजन करने के बाद भी खाने वाली की नजर भूंजा पर है। एनडीए के विरोध में जो खड़े हैं, वे इतना कुछ खाने के बदा बिहार को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं। बिहार की जनता जानती है कि कौन कितना विकास कर सकता है। चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होता है और इसके बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना हर नागरिक का कर्तव्य है और उज्जवल भविष्य की गारंटी। आज बिहार के लोगों ने देश ही नहीं, पूरे विश्व को एक संदेश दिया है। कोरोना के इस संकटकाल में जब दुनिया में हड़कंप मचा है, तब बिहार के लोग अपने घरों ने निकलकर बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं। लोकतंत्र के प्रति हर बिहारी का इतना बड़ा समर्थन महत्वपूर्ण है। जलीत-हार महत्वपूर्ण नहीं है। विश्व के लोग इस विषय में सोच रहे हैं। इस चुनाव को कराने के लिए चुनाव आयोग को बधाई देता हूं। कोरोना संकट के बीच बिहार ने दिया बड़ा संदेश। दुनिया में हड़कम्प मचा है। दूसरी तरफ बिहार के लाेग घरों से निकल कर मतदान कर रहे हैं। यहां के लोगों के जेहन में लोकतत्र कितनी गहराई से बैठा हुआ है, यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा संदेश है। विश्व के लोगों को सोचना होगा कि बिहार के लोग लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। इसी धरती ने मानव जाति को लोकतंत्र दिया था। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए सबसे पहले बाबा मदनेश्वर, बाबा सुंदरनाथ की भूमि को नमन किया। कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की भूमि पर अपने सब के अभिनंदन करै छी। अररिया के साथ-साथ पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार सहित अनेक जिलों के लोग आज यहां मौजूद हैं। इससे भी अधिक लोग अलग-अलग स्थान पर ऑनलाइन जुड़े हुए हैं। बिहार में आज दूसरे चरण का मतदान चल रहा है। जहां-जहां मतदान हो रहा है, मैं हेलीकॉप्टर से आ रहा था तो किसी ने बताया कि पहले के चुनावों से ज्यादा मतदान आज 10 बजे तक हुआ है। बिहार के मतदाताओं की लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा का अभिनंदन करता हूं।
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